मुंब्रा में प्रशासन की लापरवाही सेअग्निवीर भर्ती के लिए आये युवाओं का हो रहा बुरा हाल,ट्रस्ट ने संभाली कमान !

संवाददाता : तंज़ीम अली सय्यद


मुंब्रा में प्रशासन की लापरवाही से अग्निवीर भर्ती के लिए आये युवाओं का हो रहा बुरा हाल, ट्रस्ट ने संभाली कमान !

अग्निवीर योजना क्या है और इस योजना के तहत होने वाले फायदे और नुकसान पहले समझते हैं. 

अग्निपथ योजना रक्षा मंत्रालय द्वारा १४ जून २०२१ को लॉन्च की गई इस योजना का उदेश्यः था के बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार मिले लेकिन वही इस योजना का भारत के हर राज्य में युवाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें मुख्य राज्य हैं बिहार, मध्ये प्रदेश, झारखण्ड, हरयाणा, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र.

वजह इस की यह थी के इस योजना में केवल ४ साल तक ही नौकरी मिल सकेगी उसके बाद उन्हें रिटायर कर दिया जायेगा, १७ १/२ से ले कर २3 साल तक की आयु वाले अविवाहित युवा जिन्होंने ८ वीं कक्षा, १०वी और १२वीं कक्षा पास की हो को भर्ती किया जाएगा उनके शारीरिक और मानसिक बल और सूझबूझ के बिना पर, एक बार अग्निपथ  के सरे इम्तिहान पास होने के बाद उन्हें अग्निवीर का नाम दिया जायेगा जिसके लिए प्रथम वर्ष उन्हें मासिक ३० हज़ार, दूसरे वर्ष उन्हें ३३ हज़ार, तीसरे वर्ष उन्हें ३६ हज़ार और चौथे और आखरी वर्ष उन्हें ४० हज़ार मासिक पगार दी जाएगी और ४ साल पूरा होने पे केवल २५ प्रतिशत युवाओं को आगे परमानेंट किया जायेगा और ७५ प्रतिशत युवाओं को सेवानिवृत कर दिया जायेगा उन्हें ११ लाख ७१ हज़ार का सेवनिधि टैक्स फ्री पैकेज दे कर.

अग्निवीर आर्मी भर्ती प्रोग्राम को महाराष्ट्र के ठाणे जिल्हा के मुंब्रा शहर के माननीय श्री.अब्दुल कलम आज़ाद स्पोर्ट स्टेडियम एम.एम वैली कौसा में २० सितम्बर २०२२ से १० अक्टूबर २०२२ तक आयोजित किया है, इस रैली में महाराष्ट्र के कोने कोने से युवा इम्तिहान देने आ रहे हैं.

आपको बता दें के अग्निवीर आर्मी भर्ती रैली २०२२ के लिए ठाणे महानगर पालिका को मौलाना अब्दुल कलम आज़ाद स्पोर्ट स्टेडियम में सेना भर्ती को देखते हुए अत्यावश्यक सेवाओं के लिए जैसे रिपेयर,साफसफाई, काम्प्लेक्स क्लीनिंग, संरक्षण दिवार फेंसिंग, मैन प्रवेशद्वार दुरुस्ती और इसके आलावा दूसरे काम करने के लिए ३७७,४४००/- रुपियों का टेंडर इशू किया गया था 

मगर अग्निवीर भर्ती के लिए जो जवान आ रहे हैं उनकी मूलभूत सुविधाओं को प्रशासन  ने अनदेखा कर दिया जिसका परिणाम यह है के जवान सड़कों पे कपडे की चादर बिछाकर लेटे बैठे खुले आसमान के निचे देखे जा सकते हैं न उनके रहने, नहाने धोने, शौचालय, पिने का पानी और खाने का तो रहने दिज्ये कोई सुविधा नज़र नहीं आरही है, ये बच्चे मुंब्रा शहर के महमान है जब ये लोग वापस अपने घर लौटेंगे तो हमारे शहर की कौनसी अच्छी सौगत साथ ले कर साथ जाएंगे.

लेकिन इस बीच हमारे शहर के कुछ ट्रस्ट मंडल ने एक बहुत अच्छा रोल अदा किया है जहां प्रशासन की नाकामी की वजह से शहर का नाम खराब हुआ वही इन ट्रस्ट ने इन नौजवानों को सहारा देकर शहर का नाम रोशन भी किया है जिसको हम सलाम करते हैं और बाकी दूसरे एनजीओ, मदरसों मंडलों और ट्रस्ट से गुजारिश करते हैं कि वह भी आगे आए और इन बच्चों के रहने खाने-पीने और बेसिक जरूरतों का ख्याल रखें क्योंकि यह बच्चे आगे जाकर हमारे देश के रखवाले बनने वाले हैं तो क्या हमारी थोड़ी जिम्मेदारी नहीं बनती दुख तो इस बात का है कि कोई पूर्व नगरसेवक आगे नहीं आया ना ही कोई एमएलए एमपी या मंत्री कुछ राजनीतिक पार्टियों के लोग प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं जो कि अच्छी बात है लेकिन काफी नहीं.

हमने जिस ट्रस्ट की बात की वह ट्रस्ट शंकर मंदिर ट्रस्ट जो के शंकर मंदिर इलाके में स्थित है इन लोगों ने मंदिर के आहते  में इन अग्निवीरों  के लिए बहुत उम्दा रहने खाने-पीने नहाने धोने और तमाम बेसिक ज़रूरतों  का इंतजाम किया है जो कि बहुत ही सराहनीय है "तंज़ीम न्यूज़ एक्सप्रेस" की टीम ने खुद जाकर वहां के ट्रस्टियों और मंदिर प्रशासन से बात की करीब ३०० से ५०० जवानों के ३ टाइम खाने और रहने का इंतेज़ाम किया है और रोज़ाना किया जा रहा है, साथ ही अग्निपथ की भर्ती के लिए आये जवानों से भी बात कर सुविधाओं के बारे में पूछा, वहीँ रसोई में जाकर रसोइए से भी बात की हम शंकर मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी जैसे श्री भोला सेठ पाटिल, श्री सुभाष भोईर और श्री हीरालाल गुप्ता और श्री शरद भगत  जी को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं कि यह लोग ऐसे सराहनीय काम अंजाम दे रहे हैं जिससे हमारे मुंब्रा शहर का नाम रोशन हो रहा है और उम्मीद करते हैं कि वह आगे भी ऐसे ही काम को अंजाम देंगे.

हम प्रशासन से मांग करते हैं के ऐसे ट्रस्ट और मंडलों को भरपूर सहयोग करें ताके वह दूसरों की मदद के कामों को अच्छी तरह कर पायें बिना किसी रुकावट के.


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